शक्ति में सफलता का मंत्र

सफलता प्राप्त करने के लिए जबरदस्त सतत प्रयत्न और जबरदस्त इच्छा रखो। प्रयत्नशील व्यक्ति कहता है 'मैं समुद्र पी जाऊंगा, मेरी इच्छा से पर्वत टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे।' इस प्रकार की शक्ति और इच्छा रखो। कड़ा परिश्रम करो। तुम अपने उद्देश्य को निश्चित पा जाओगे।
Bhai Rajiv Dixit ji यह एक बड़ी सच्चाई है, शक्ति ही जीवन और कमजोरी ही मृत्यु है। शक्ति परम सुख है। अजर अमर जीवन है। कमजोरी कभी ना हटने वाला बोल बोझ और यंत्रणा है। कमजोरी ही मृत्यु है। संसार को बस कुछ सौ साहसी स्त्री-पुरुषों की आवश्यकता है। उस साहस का अभ्यास करो। जिसमें सच्चाई जानने की हिम्मत है, जिसमें जीवन के सत्य को बतलाने की हिम्मत है, जो मृत्यु से नहीं कांपता, मृत्यु का स्वागत करता है और मनुष्य को बतलाता है कि वह अमर आत्मा है, समस्त विश्व में कोई उसका हनन नहीं कर सकता। तब तुम स्वतंत्र हो जाओगे। असफलता की चिंता मत करो। असफलता स्वाभाविक है। असफलताएं जीवन के सौंदर्य हैं। जीवन में यदि संघर्ष ना रहे तो जीवित रहना ही व्यर्थ है। संघर्ष और त्रुटियों की परवाह मत करो। असफलताओं पर ध्यान मत दो। यह छोटी-छोटी फिसलनें हैं। यदि तुम हजार बार भी असफल होते हो तो एक बार फिर प्रयत्न करो। विश्व की समस्त शक्तियां हमारी हैं। हमने अपने हाथ अपनी आंखों पर रख लिए हैं। और चिल्लाते हैं कि सब और अंधेरा है। जान लो कि हमारे चारों ओर अंधेरा नहीं है। अपने हाथ अलग करो। तुम्हें प्रकाश दिखाई देने लगेगा, जो पहले भी था। अंधेरा कभी नहीं था, कमजोरी कभी नहीं थी। हम सब मूर्ख हैं जो चिल्लाते हैं कि हम कमजोर हैं, अपवित्र हैं। कमजोरी का इलाज कमजोरी का विचार करना नहीं, पर शक्ति का विचार करना है। मनुष्य को शक्ति की शिक्षा दो, जो पहले से ही उनमें है। - स्वामी विवेकानंद

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के कुछ अनमोल वचन:-

🐄🥛क्या गाय का दूध हमारे लिए है ?

अच्छे लोग~बुरे लोग